मंगलवार, 5 फ़रवरी 2008

कुछ यादें और बातें..

प्रकाश जी के सामने चैंबर में बैठा था.पहली बार मुलाकात.प्रकाश जी बिल्कुल सहज और मुस्कुरा रहे थे.पुरा हलचल पूछा.मैंने कहा महानगर के लिए काम करना है.एक सेकंड में प्रकाश जी ने कहा आपका अख़बार है काम करे.प्रकाश जी में यह खास बात है कि फैसला तुरन्त लेते है.कोई देरी नही.उस समय माला वर्मा कि एक पुस्तक प्रकाशित हुई थी.प्रकाश जी ने उस पुस्तक कि एक कॉपी दी.इस तरह कोलकता में पत्रकारिता शुरू कि.महानगर कि टीम ने कोलकता में धमाल मचा दिया था.बडे अख़बार भी महानगर कि कॉपी करने लगे थे.टीम में अभिज्ञात,जनार्धन सिंह,अनवर और विद्या सागर सिंह थे.अभी सभी लोग बडे अखबारों में काम कर रहे है.सिलीगुडी से खबरें महानगर में शुरू हुई.कई दिनों थक मेरी स्टोरी लगातार लीड रहेती.हर खबर के बाद प्रकाश जी का फ़ोन जरुर करते थे.हमेशा नयी खबर करने का उत्साह देते थे.प्रकाश जी को टीम चलाना आता था.

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