मंगलवार, 10 फ़रवरी 2009

नए ज़माने के नए सपने

बहुत दिन हुए ब्लॉग पर कुछ नही लिखा.ऐसा नही है की लिखने की इच्छा नही थी.बस आलस और कुछ काम का ज्यादा बोझ.पर प्रकाश भाई की टिपण्णी दिखी अपने ब्लॉग पर तो लगा की फिर से लिखना शुरू करना चाहिए.एफएम रेडियो पर काम करते हुए लगा की यह दुनिया प्रिंट से बिल्कुल अलग है.यहाँ २४ घंटे लाइव होता है.हर पल नई जानकारी.पुरी टीम युवा लोगों की .जहाँ ज्यादा से ज्यादा सपने होते है.नए ज़माने के नए सपने ,इस पर जल्दी ही लिखूंगा.