बुधवार, 11 मार्च 2009

अमीन सयानी की गीतमाला अब रेडियो मिष्टी पर

किसी ज़माने में रेडियो का दूसरा नाम कहे जाने वाले अमीन सयानी आज भी उसी रुमानियत और जोश से भरे हैं. वही बोलने का अंदाज़, वही मीठी और अपनेपन वाली आवाज़. रेडियो की बात आते ही जो पहला नाम ज़हन में आता है वो है अमीन सायानी .
अपने श्रोताओं को इससे जोड़ने के लिए उत्तरी बंगाल और सिक्किम के पहले व नंबर एक रेडियो स्टेशन रेडियो मिष्टि 94.3 एफएम और रेडियो मिष्टी सिक्किम 95 एफएम में अमीन सयानी 16 मार्च से 20 मार्च तक गीतमाला की छायों में पुरानी यादें गुनगुनायेंगे .इस खास शो में अमीन सयानी उस ज़माने के मशहुर गीतों को भी पेश करेंगे. अमीन सयानी का सफ़र इतना आसान नहीं था. कभी वे गायक बनना चाहते थे. लेकिन बाद में जाने-माने ब्रॉडकास्टर बन गए. वे मानते हैं कि अच्छी हिंदी बोलने के लिए थोड़ा-सा उर्दू का ज्ञान ज़रूरी हैं. इस तरह के कई खास अनछुए पहलू के बारे में अमीन सयानी बताएँगे. इस खास शो में संगीत और फिल्म जगत के मशहुर लोगों का इंटरव्यू भी होगा.

अपने श्रोताओं को इससे जोड़ने के लिए उत्तरी बंगाल और सिक्किम के पहले व नंबर एक रेडियो स्टेशन रेडियो मिष्टि 94.3 एफएम में अमीन सयानी 16 मार्च से 20 मार्च तक गीतमाला की छायों में पुरानी यादें गुनगुनायेंगे .इस खास शो में अमीन सयानी उस ज़माने के मशहुर गीतों को भी पेश करेंगे. रेडियो मिष्टि के चीफ एक्जीक्यूटिव आफिसर निशांत मित्तल ने बताया कि अपने श्रोताओं के लिए रेडियो मिष्टि का हमेशा ही नए, कल्पनाशील और प्रयोगधर्मी थीम में विश्वास रहा है। मित्तल ने बताया कि रेडियो मिष्टि हर उम्र के लोगों की रुचियों को ध्यान में रखता है, इसीलिए वह सभी का प्यारा है.रेडियो मिष्टि का नारा है- ''लोकल पीपुल - लोकल वायस - लोकल स्टेशन - लोकल च्वायस''। निशांत के अनुसार रेडियो मिष्टि अपने विभिन्न प्रयोगधर्मी व जन भागीदारी वाले कार्यक्रमों में स्थानीय लोगों को शरीक करते हुए स्थानीय परंपराओं, धरोहरों, संस्कृतियों को बढ़ावा देने का कार्य करता है।उल्लेखनीय है कि ''गुनगुनाते रहो'' की टैगलाइन के साथ रेडियो मिष्टि 94.3 एफएम सिलिगुड़ी में वर्ष 2007 में लांच हुआ था और इसे इलाके का पहला एफएम स्टेशन होने का गौरव प्राप्त हुवा.

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