शुक्रवार, 18 जनवरी 2008

१० मार्च २००६..प्रभात खबर सिलीगुडी कि यात्रा शुरू..

१० मार्च २००६ को प्रभात खबर का सिलीगुडी एडिशन कि यात्रा शुरू हुई.नए जोश और उम्मीद से साथ यात्रा शुरू हुई.पहले दिन का न्यूज़ पेपर २४ पेज का था। लोगों ने भरपूर मदद कि.रांची से नरेन्द्र जी,विमल बिजयान को भेजा गया था.खुद हरिवंश जी ,गोनेका जी,अश्क जी,राकेश सिन्हा सिलीगुडी में थे.हरिवंश जी को पहली बार इतना करीब से जाना और देखा.हरिवंश जी को देख कर आप मंत्र मुग्घ हो जायेंगे .गजब उर्जा .सबसे बड़ी बात हरिवंश जी में है कि वह हर पल सब कि खबर रखते है.कोई उनकी नज़र से नही बचाता.हरिवंश जी के बारे में नेट खोल कर कई सूचना मैंने ली थी.तब मन में बहुत घबराहट थी कि इतने बडे संपादक के साथ काम करना है.पर ऑफिस में आ कर हरिवंश जी ने घर परिवार और काम कि बात इतनी सहजता से पूछी कि लगा कोई घर के व्यक्ति से बात कर रह हूँ.सच जीवन भर हरिवंश का कृतज्ञ रहूंगा.पहले दिन हरिवंश जी प्रिंटिंग होने तक प्रेस में रुके.पहले पेज पर उनका लेख था.जब कभी मन मिजाज खराब हो जाता है में हरिवंश जी का वह लेख पढ़ लेता हूँ.हरिवंश जी ने प्रभात खबर को हमेशा परिवार जैसा रखा है.इसलिए प्रभात खबर कि यादें हमेशा दिल में रहती है.दूसरे दिन हरिवंश जी ने चैंबर में मुझे बुलाया.कहा तुमने संपादकीय प्रभारी बनाया जा रह है.मैंने जीवन में कभी नही सोचा कि इतनी बड़ी जिम्मेबारी मिलेगी.

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