मंगलवार, 29 जनवरी 2008

नया प्रयोग और दीप..

दिपेंत्दु दत्ता .उमर २५ साल.काम फोटो जर्नलिस्ट.कुछ साल पहले दीप एक छोटे से बंगला अखबार में फोटो ग्रफार .कभी कभार किसी प्रोग्राम में मिल जाता .अख़बार सायद वीकली निकलता था.कुछ दिनों बाद किसी बंगला दैनिक में एक तस्वीर देखी.काफी पसंद आई.पता किया तो किसी ने बताया कि उसका नाम दीप है.भूल गया.फिर मुलाक़ात होती रही.दीप टेलीग्राफ में काम करने लगा.उसी समय एक चाय बागन में हाथी के हमले कि तस्वीर निकली.गजब.तस्वीर में दिखाया गया कि हाथी एक आदमी को अपनी सुन्ध में लिए रहा है.इसके बाद लगातार दीप कि तस्वीरों को देख रह ह.गजब काम करता है वह.फ़िलहाल दुनिया कि एक बड़ी फोटो एजेंसी में काम कर रह है.उसकी एक बात मुझे पसंद है जो कि हर फोटो ग्रफेर में होनी चाहिऐ.फोटो से पहले उसका सब्जेक्ट का अन्गेल.बिना किसी खास ट्रेनिंग कि छोटे शहर के इन युवा उर्जावान फोटो जर्नलिस्ट को देख कर काफी सुखद एह्सश होता है.

1 टिप्पणी:

dpkraj ने कहा…

आपके द्वारा दी गयी जानकारी दिलचस्प और प्रभावपूर्ण लगी.
दीपक भारतदीप