बुधवार, 23 जनवरी 2008

दर्पण कि नयी पहल..

गंशक्ति का काम मिलने के बाद संदीप ने नयी योजना बनाईं.मीडिया में सही समय प्रयोग करने कि जरुरत है.संदीप भाई को लगा कि एक ही फ्लोर पर सब सुविधा दे दी जाये तो बडे मीडिया घराने भी सिलीगुरी से एडिशन निकल लेंगे.इससे अखबार को खर्चा भी कम लगेगा.नया प्रयोग.आउट सौर्सिंग का जमाना.यह योजना क्लिक्क कर गयी.कोलकता के कई बंगला अखबार दर्पण में प्रिंट होने लगे.इनमे आजकल,संबाद प्रतिदिन ,हिन्दू स्थान जैसे बडे अख़बार सामिल है.सिलीगुडी को चाय के प्याले के साथ अख़बार मिलने लगा.सिक्किम और कई दूसरे अख़बार भी दर्पण में प्रिंट होने लगे.सिलीगुडी के इस अनुठे प्रयोग को बाद में कई दूसरी जगह अपनाया गया.मुझे मीडिया के एक बडे जानकार ने बताया कि नए ज़माने में इस तरह के आउट सौर्सिंग के सबसे ज्यादा भूमिका रहेगी.

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