किसी ने नही सोचा था कि सिलीगुडी में इतनी तेजी से चेंज आएगा .नब्वे के दसक में सिलीगुडी छोटा सा शहर था.पर इसके बाद यहाँ काफी चेंज आना शुरू हुआ.मीडिया के लिए भी सिलीगुडी पसंदीदा जगह बन गयी। कोलकाता के सभी भाषाओं के अखबार का सिलीगुडी से एडिशन है.इसका बहुत कारन दर्पण पब्लिकाशन्स है.अभी आउट सौर्सिंग का जमाना है.दर्पण के संदीप चौधरी नए ज़माने के साथ चलने वाले युवा है.संदीप सपने देखते है और उसे पुरा भी करते है.काफी अरसे से में संदीप भाई को जानता हूँ. गजब कि उर्जा तथा विजन है .जो सोच लेते है उसे जरुर पुरा करते है.शुरू में उनकी बात तथा योजना से हम सब असहमत हो जाते है.पर संदीप भाई उसे भी पुरा करते है तब उनकी बात सच लगती है.संदीप भाई को देख कर मुझे नयी उर्जा मिलती है.कॉलेज के बाद संदीप ने एक पुरानी मशीन से अपनी यात्रा शुरू कि। इसी मशीन में भारत दर्पण प्रिंट होता था। शायद यह १९८९ कि बात है.उस प्रेस से अखबार निकलते बिच दर्पण कि यह.संदीप ने इसी से काम शुरू किया.सबसे पहले ganshakti के प्रिंटिंग का काम दर्पण को मिला.
सोमवार, 21 जनवरी 2008
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