गुरुवार, 31 जनवरी 2008
आशु कवि दिनेश लालवानी....
दिनेश लालवानी को शहर में हर शख्स जानता है.उनका जनसंपर्क गजब का है.इस पर दिनेश भाई आशु कवि भी है. कोई भी प्रोग्राम उनके कविता के बिना पुरा नही होता.उनकी भासा में कहे तो यह कमेंट्री है.पूरे प्रोग्राम का आँखों देखा हाल दिनेश भाई कविता में बता देते है.सुनने वाला निहाल हो जाता है.राजस्थान के नागौर के दिनेश भाई काम के सिलसिले में सुदूर मध्यप्रदेश,असम,मुम्बई से होते हुए सिलीगुडी अस्सी के दशक में आये.जनपथ समाचार में काम शुरू किया.नया शहर नए लोग.पर दिनेश जी जल्दी ही सबसे दिल दिमाग पर उतर गए.हमेशा हंसी मजाक में जीने वाले दिनेश जी के फेन क्लब में पूर्व वाइस प्रेसिडेंट भैरों सिंह शेखावत से लेक कर सिक्किम के चीफ मिनिस्टर पवन चामलिंग सरीकी हस्तीयें है.कितने फिल्मी सितारों से ले कर देश दुनिया के जाने मने लोग दिनेश भाई कि कमेंट्री के फेन है.दिनेश जी हर प्रोग्राम में सक्रिय रहते है.उनकी सिलीगुडी आने कि कहानी भी कम दिलचस्प नही है.उस बारे में फिर कभी.दिनेश जी को मैंने पूछा कि इन कवितायों कि किताब क्यों नही निकलते.उन्होने बड़ा मासूम सा जवाब दिया तुरंत लिखता और भूल जाता । हुआन.पर शहर के लोग दिनेश जी को कभी नही भूलते .
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2 टिप्पणियां:
guru aapko aur lalwani ji kp pranam. aapne jo silsila suru kiya hai, bahut jald karwan ban jayega. bas isi tarah apne kalam se humlogo ko bite kal se ru-ba-ru karate rahiye.
awadhesh
सही है सच्चा कवी तो वही है ! जिस्केर उदगार ही कविता होते हैं ! अपने उदगार कोई कितना लिखे ! हम दिन मैं जो बात करते सब नहीं लिखते !!
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